परिचय

हाडोती को इतिहास

गोलिये बनावट: आपण या जाणॅ छा,क राजस्थान राजाऔ की रहबा की जगा छ।भोगोलिये क अनुसार 6 भागा म्हं बाट्या जा सकॅ छ। राजस्थान म्हं हाडोती भासा पुर्व अर दक्षिण का ईलाका मं बोली जावॅ छ,खासकर या भासा च्यार जिला मं बोली जावॅ छ, कोट,बुन्दी,बारां,झालावाड मं प्रक्रति क दुवारा हाडोती क्षैत्र घणो बडिया लागॅ छ, नन्दीया डुगंर,अर जंगळ सुं सुरक्षित सुं राजाऔ का गढ़ा सुं बड्या अर प्रसिद छ,ई ईलाका मं खासकर नन्दिया छ ,काळीसिन्ध अर चम्बल अर पार्वती छ।

आबादी: 1991 म्ह की जनगणा क अनुसार हाडोती बोली बोलबाळा मनख छा,1235,077 राजस्थान का पुरा मनख्यां की संख्या हाडोती, 2.807% छ,2011 की जनगणा क अनुसार हाडोती बोली बोलबाळा 60 लाख लोगदणी छ।

भासा: या भासा हाडोती ईलाका मं बोली जावॅ छ।हाडोती भासा न ओर भी नाऊं सुं जाण्यो जावॅ छ,जस्यां हाडावती अर हाडोती अर पीपलोदा। या भासा ओर कोई भागा मं भी बाट्टी जा सकॅ छ,जस्यां या भासा तीन तरह सुं आवॅ छ,भारतीय युरोपिये अर भा.ईरानिय भा.आर्य। कन्हेयालाल शर्मा क दुवारा बताई गी छ,क हाडोती बोली दो भागा मं बाट्टी गी छ 1दक्षिणय हाडोती (कोटा बारां झालावाड जिला मं) अर उतरीय हाडोती पाई गी छ,(बुन्दी जिला मं)

भासा व्यवहार:
* सकारात्मक व्यवहार- क कस्यां यां को पडबो लिखबो हिन्दी क नाई छ।
* या की लिखावट- देवनागरी काम म ली जावॅ छ।

इतिहास: लोगदणी मानॅ छ,क लगभग 1241ए.डी मं हाडा क्षैत्र का चौहान बंस का अग्नीकुला राजपुत न ई इलाका पॅ राज कर्यो छो, अर जद सुं हाडोती नाऊ हाडा राजपुत बंस सुं आयो छ। अर या भी ख छ, क सुलतान म्मोहमद गौरी न अजमेर को राजो प्रथ्वीराज चौहान हरायो तो चौहान बंस बचबा क लेखॅ मेवाड म्हं मित्रता सुं राणा क लारा रहबा लाग्या,तब मोटीयार हाडा चौहान बंस का एक भाग छा,अर ऊ बगत देवसिंह मुख्य बणर चम्बल का मैदानी ईलाका मं आग्यो,अर देवसिंह न रावदेव का नाऊ सुं भी जाणॅ छ।अर ऊठी मीणा अर भीला पॅ अधीकार बणालियो।अर 1241 मं अपणो राज्ये बणाल्यो,व्हानॅ चम्बल नन्दी क आर-पार राज्ये बणायो,कोटा अर बुन्दी 1838 मं अर 1992 मं झालावाड अर बारां कोटा सुं नाळो राज्ये होग्यो अकबर की बगत (1556सुं1605) कोटा अर बुन्दी मुगल साम्रराज्य का बस मं छो व्हाका वासी जागीरदार बणाया ग्या फण बाद मं मुगला की ताकत कमजोर पडगी,तब मराठा राजा ऊ ईलाका मं आया अर लोगदणी कतेई लुठ घाल्या अर अन्याय सुं घणां सताया,मराठा का अत्याचार सुं बचबा काण राजा नवादिन न अंग्रेजा सुं अरज करी अर फेर सन् 1818 मं लोगदणीया मं सान्ती आई

रिति रीवाज अर पराव: हाडोती क्षेत्र मं पुरष तो सादारण र’वॅ छ धोवती कुरतो अर स्यापो बान्दॅ छ। अर बाईरा मं खासकर परावॅ घाघरो लुगडो अर ओडणी कांचळी,साडी मांडॅ छ,अर कबजो फहरॅ छ अर गहणा न जादा परह छ। अर सरीर पॅ छापा गुदवा व छ,क जिसुं लुगाया रुपाळी अर छोखी दीखॅ।

निवास स्थान अर घर: हाडोती ईलाका मं 40 सुं 60 घरा की बस्ती न गांव ख छ,अर 500 सुं जादा की बस्ती न पंचायत ख छ,अर हर गांव मं खासकर कच्चा घर र’वॅ छ,अर कोई पक्का घर भी र’वॅ छ।पक्का घर बाटा अर सिमट सुं बणायो जावॅ छ।कोई गांव तो गेला क सायरॅ अर कोई नन्दी क सायरॅ अर कोई जंगळ क सायरॅ बस्या र’वॅ छ, क कस्या सुखा अर काकंरेली टाहम की बजॅ सुं र’वॅ छ।गांव मं सबका नाळा-नाळा महोल्ला र’वॅ छ। य्हे सारा जात्या क अनुसार र’वॅ छ। हाडोती का ईलाका मं सहर अर तहसील मं जादा मनख र’वॅ छ।

शिक्षा अर साक्षरता: आज की बगत पुरो हाडोती क्षैत्र फॅली सुं जादा शिक्षा मं आगॅ बढ़रियो छ।हाडोती क्षैत्र का सारा जिला मं हिन्दी माध्यम सुं शिक्षा देवॅ छ,आज का समय मं कोटा जिलो पढ़ाई-लिखाई का मामला मं राजस्थान मं सबसुं जादा छ,75.45% लोगदणी पढ़या लिख्या छ।राजस्थान मं खाली कोट ई एक अस्यो जिलो छ,ज्यां लुगाईयां पढ़ाई का मामला मं 61.25% छ।अबार की बगत मं झालावाड भी शिक्षा मं आगॅ बढरियो छ,अबार की बगत माई बाप भी छोरा-छोरीयां न पढ़बा का बढाव देवॅ छ,क कस्यां सरकार पाठसाला मं फळ अर खाणो देवॅ छ।
जिला ईलाका कि.मी. जनसख्या लिगांनुपात साक्षरता %
तहसील गांव
कोटा 12,436 1,568,580 895 74.45 5 896
बुन्दी 5,550 961,269 908 55.08 4 841
बारां 6,955 1,022,568 909 60.37 7 1205
झालावाड 6,219 1,180342 928 57.98 6 1585

आस्ता(बसवास): हिन्दु- 84.5%
मुसलमान- 10.5%
जैन- 3%
 ईसाई- 1%
 अन्य- 1%
ई क्षैत्र मं जादा लोग हिन्दु छ, ये भगवान पॅ बसवास करॅ छ,रामजी शिवजी लक्ष्मीजी शितलामाता अर हाडोती ईलाका का देवी देवता भी छ।भैरुजी देव,ठाकरबाबा तेजाजी ताखाजी रामदेवजी ऊतजी ओर भी घणां देवता छ।गांव मं हरेक घर मं छोटा मन्दर र’वॅ छ,अर व्हांसुं छुतरो खवॅ छ,ये लोग रामायण अर भगवतगीता न कोई तो 3,दन ,कोई 9,दन क लेखॅ बचवा छ। बार तुवार पॅ ये लोगदणी ज्यानबरा की बली देवॅ छ,भैरजी क चढ़ावॅ छ। हिन्दु की शिक्षा क अनुसार मांस खाबो पाप छ,अगर कोई मांस खावॅ तो ऊ पबित्र कोई न्ह नीच ज्यात मं गण्यो जावॅ छ।क कस्या हरेक गांव मं बामण अर बाबा र’वॅ छ।क कस्या व खास मनख छ,व छोखा अर भरा समय क बारा मं बतावॅ छ।लोगदणी बाबा की बात न परमेस्वर का बचन क नाई मानॅ छ,गांव मं कोई क छोरा-छोरी का नाऊ व्हई राखॅ छ।अगर कोई बैमार पड़ जावॅ तो सबसुं फॅली बाबा क गोडॅ जावॅ छ।

त्यौव्हार: हाडोती ईलाका मं महसुर तुवार छ,दसवारो को मेळो छ।अर होळी, दुवाळी, नोरता,अर तेजाजी की दसह, सोर्थी, कानाजी की आठॅ, सकर्यात, सावणी माऊस,राखी,अर ओर भी छ,जस्या छीताबाडी को मेळो,तेजाजी को मेळो,ये दोनी उठी का ईलाका मं जादा प्रसिद छ।ये लोगदणी तुवार मनाबा काण ऊठी जादा राजी खुसी सुं जावॅ छ।ये लोगदणी तुवार की बगत मं जात्रा भी जादा जावॅ छ,खासकर बाबा रामदेव क मन्दर प पगा-पगा जावॅ छ,यो मन्दर सब क लेखॅ छ।

शादी ब्याव अर प्रथा: खासकर हाडोती क्षैत्र मं, परवार का सारा मनख भेळा मं जादा र’वॅ ।अर परवार न बडावॅ छ,ई क्षैत्र मं दुसरो ब्याव करबो छोखो मानॅ छ।ई ईलाका मं बाल ब्याव अर सही उमर को भी होवॅ छ।,कोई लेर भागर ब्याव करॅ छ,कोई सगाई कर’र ब्याव करॅ छ। लुगाई की पचाण या छ, क वा परणाई क न्ह परणाई,परणी की या पचाण छ,ऊका माथा मं मांग(सिन्दूर) अर घळा मं मंगळसुथ अर पगा मं फोलरीया फरॅ छ,ई ईलाका मं छोरी को ब्याव एक बार होवॅ छ,अगर व्हा छोड दी गी छ,तो ऊको ब्याव न्ह हो सकॅ छ,व्हा नातॅ जा सकॅ छ,।अर परवार मं बडा भाई को ब्याव होबा क बाद मं परवार न छोटो भाई समाळॅ छ।हाडोती ईलाका मं कोई ज्याती मं तो छोरा आळा छोरी आळा काण पिसा देवॅ छ,अर कोई ज्याती मं छोरी आळा छोरा आळा काण पिसा देवॅ छ।अर ब्याव मं सारी जमादारी घर का खास मनख की र’वॅ छ,ई क्षैत्र मं एक ज्याती अपणी ज्याती मं ई ब्याव कर सकॅ छ।अर जाती मं भी गोत देख्या जावॅ छ,गोत न्ह मलणी चाज्ये,एक गोत हाळा दोनी ब्याव न्ह कर सकॅ छ।अर ई ईलाका मं एक जाती दुसरी जाती मं ब्याव न्ह करॅ सकॅ छ,क कस्या या जातिवाद छ।

आर्थीक दसा: हाडोती क्षेत्र मं बासमती चाँवळ की फसल जादा होवॅ छ। ई क्षेत्र मं गांव का लोगदणी स्याग सब्जी अर चावळ, लसण लगाव छ। ई क्षेत्र मं ज्यादा गँहू, सोयाबीन, मटर, चणा, मूँग, उड़द, आलू सरसु, तल्ली साटा धणी गाजर कान्दा मर्च्या गोभी करेला बिन्डी अर ओर भी होव छ। क कस्या न्या खास कर लाईट की समस्या छ। न्या खास कर हाडोती क्षेत्र क लेख सिचाँई की जादा समस्या छ। अर झालावाड नांरगी को बोपार करबा म्ह नागपुर का बाद दुसरा स्थान पँ छ।
जिला क्षेत्र
(Sq. Km). फसल खनिज

कोटा १२,४३६/12,436
गैहू अर चणा

चुना बाटा
बुन्दी ५,५५०/5,550
गैहू अर रूई

चूना बाटा
बारा ६,९५५/6,955
गैहू अर चणा

चूना बाटा
झालावाड ६२१९/6219
ज्वार अर मक्का
चूना बाटा

ई क्षेत्र म्ह सारी तरह का ज्यानबार पाळ्या जावँ छ। भेस्या गाडरा, बाकरीया, घोडा, गधा, गाया, ऊट, कुता(गन्डकडा), खरगोश ओर भी छ।

खाणा की आदत: न्या का मनख जादा मांस खाबाळा, कोई न्ह क कस्या हिन्दु धर्म म्ह बतावँ छ, क मांस खाबो पाप छ। फण कोई मनख मांस खाव छ,मच्छी, बकरा गडारा, ई क्षेत्र म्ह कच्चा खाणा क लेख छ। गेहू, मक्का अर बाजरो, मीटो दळ्यो, नुकती पुडी दाळ बाटी,अर खास त्यवार पँ अलग अलग खावॅ र’वॅ छ। जस्या ब्याव मं, नुक्ति पुडी, नमकिन, गुलाब जामुन, तुवार प लाडू बाटी राबडी लपटो लापसी खीर ओर भी छ।
गांव प्रसासन: राजस्थान म्हं सादारण तोर पॅ सभी सरकार का निमा न मानॅ छ। राजस्थान पंचायत तंत्र, म्ह २ या ३ गांव सुं एक पंचायत ख छ व्हाका मुख्या सुं सरपंच खवॅ छ, गांव मं पांच मनख भेळा करबा की रीत छ। उम्हं सभी लोगदणी अपणी बात वाह बताव छ क कोई कोई गुन्हाह होजावॅ छ,तो उपॅ बच्यार करॅ छ, अर खास कर गांव को मुख्या सरपंज ही होव छ।

कलीसया की परिस्थिति: हाडोती क्षैत्र मं अलग अलग संस्था काम कर री छ। जस्या इम्मानुएल मिसन, ऐ,जी, ब्रद्रन, मारथोमा, सी,एन,आई, आई,पी,सी। फण खाली आइ,ई,एम संस्था गांवा मं फरर वाकी मात्र भासा हाडोती म्हं काम कर री छ। 4.7 मिलीयन हाडोती भासा न बोलबाळा का बीच मं मसीह न मानबाळा 1% सु भी कम छ,अर इम्मानुएल मिसन अर ओर संस्था क कलीसीया सहर म्हं छ।फण गांव म्हं एक भी कोई न्ह, क कस्या कोई क भी मात्र भासा(हाडोती) म्हं काम करबा की इच्छा कोई न्ह,अर हाडोती क्षेत्र मं अनाथालय अर सफाखाना छ। हाडोती क्षेत्र म्ह 100 सो साल सु फॅली विदेशी लोगां न, एक कलीसीया अर एक पाठसाला बारां जिला का पीपलोद गांव मं बणाई छी। ई बगत म्हं हाडोती क्षेत्र म्हं मसीह लोगा की सख्या लगभग 6589 छ अर 15 कलीसीया छ फण गांव म्ह एक भी कोई न्ह।